प्यार का नशा खत्म हुआ (Ms Keshri Publication)
प्यार का नशा खत्म हुआ गजब की मोहब्बत हैं तुम्हारी, कभी तुम मेरे बिना जी नहीं पाती थी, अब मेरे बिना रहना चाहती हों तुम, कभी मुझसें बिना बात किए, तुम्हारा दिन नही बीतता था, अब कैसे दिन बीतता रही हों, शायद तुम मुझे भूलकर, किसी और से दिल लगा रही हों, इसलिए तुम बदल रही हों, यूँ जों तुम कहती रहती थी, कि इस जन्म क्या, मैं तों सात जन्म तुम्हारे साथ रहना चाहती हुँ, वो सब झूठे वादे थे ना तेरे, आखिर क्या कमी थी मेरी मोहब्बत में , कम से कम ये तों बता देती, मैं उससे सुधार देता, मगर तुने मुझे जीते हुए मार दिया, तुमने अपनी मोहब्बत ख़त्म कर ली , और पडे़ आसानी सें आगे बढ़ गई, लेकिन मैं क्या करूँ, मैं तुम्हारें प्यार में पागल हुँ, मैं कैसे सब कुछ भूल जाँऊ, कुछ समझ नहीं आता, बस एक ही राह दिख रहा है = खुदखुशी का, तुमने मुझे बेजुवान कर दिया, तुम बहुत गंदा मजाक किया मेरे साथ, मर गई हमारी मोहब्बत, जिसे मैनें जिदंगी समझा, वों ...