संस्कार

 जाति, धरम, देश से अलग 

संस्कार से बनती है मानव समाज की बुनियाद 

समाज और परिवार के सलीकों का शिक्षा 

संस्कार बनाते हैं अलग पहचान ।

आदर, सेवाभाव, मृदुभाषी और प्यार 

दिलाते हैं अपनी जिम्मेदारी का एहसास

इन्हीं सस्कारों से बनती नींव कुछ  खास। 

बच्चों  को  ईमानदारी का मूल्य सिखाते  

संस्कार ही पूरी  जिंदगी  की इमारत  बनाते

कुछ स्थानों की शालीनता

या हो सड़क का सलीका 

संस्कार ही सिखाते हैं ,मेजबान का बेहतर  तरीका।

बडो़ं का चरण -स्पर्श  करते आदर सत्कार 

ऐसे ही हों कुछ हमारे  संस्कार

परिवार और  विघालय का हाथ पकड़ कर

चलते हैं  दूसरों से आगे बढ़कर 

बदलते हैं हमारी सोच और बढ़ाते शिक्षा

हमारी ही जिम्मेदारी है रखना,संस्कारों का ध्यान। 



Written by :-

Muskan keshri 🌹🌹


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