अजन्मी बेटी की पुकार
जीवन पर वार नहीं,
मुझे प्यार चाहिए।
मेरी उंगली थाम लो माँ,
मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए।।
रो कर कहे अजन्मी बेटी -मुझे ना मारो माता,
मेरे साथ तुम्हारा क्या, अब शेष न कोई नाता।
भूल हुई क्या मुझसे जननी - जो तुम इतना रूढी़?
बांध रखी मन में तुमने क्या दुविधा झूठी।।
माँ मैं अंश तुम्हारी हूँ, जिंदा मुझे ना मारो ,
मुझे गर्भ में बढ़ने दो माँ, प्यार करो पुचकारो।
प्यारी माँ मुझको मत मारो ,मुझको भी जीने दो ,
छाती से चिपका कर, मुझको ममतामृत पीने दो।।
बेटों को सब दे देना, मैं तुमसे कुछ ना लूगी,
किरण, कल्पना और प्रतिभा से, भारत का नाम करूगीं ।
नहीं बनूगीं बोझ तुम्हारा, जग में नाम करूगीं ।
देखेगी दुनिया सारी, मैं ऐसा काम करूगीं।।
तेरे सारे काम करेगी, बनकर तेरी दासी
सह लूंगी सारी दुख -पीड़ा, रहकर भूखी -प्यासी।
मंदिर, मेला और कही भी, मुझे घुमाने न लेकर जाना
बेटों के संग जाना ,मेरी खातिर कुछ ना लाना।।
जो देगी खा लूँगी मैं, जो देगी पी लूँगी
खेल खिलौने ,गुड़ड़े -गुडिया के बिना मैं जी लूँगी।
चाहे मुझे न गिनना,जब होगी बेटों की गिनती
किन्तु गर्भ में मुझे न मारो, सुन लो माँ मेरी विनती।।
सबसे ज्यादा प्यार करूगीं, सबसे ज्यादा ख्याल रखूगीं
जीवन में जब भी कमी लगे बेटों की, मुझे याद कर लेना।
क्योंकि मैं अश तुम्हारी हूँ ,तुझे कुछ ना पीड़ा हो ऐसा करती भगवान से विनती मैं ,
मेरी जीवन की सारी खुशी तुझे मिले, यही है मेरी भगवान से विनती।।
कभी ना चाहिए कुछ भी तेरा, बस प्यार ही दे दो माँ
बेटों को बँटवारा देना, मुझको कुछ भी ना देना हिस्सा
किन्तु मेरे माता-पिता मुझको मत मार, खत्म मत करो मेरा किस्सा।।
Written by :-
Muskan keshri 🌹🌹
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